जिला माहेश्वरी सभा के महत प्रयासोंसे समाज की एक विस्तृत जानकारीसे परिपूर्ण ‘वेबसाईट’ का निर्माण किया जा रहा है। विज्ञान व तंत्रज्ञान के अद्भूत विश्वमें कदम रखा जा रहा है। यह गर्व की बात है । आज व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र और सारी मानवता ऐसे दोराहेपर खडी है, जहाँ एक ओर युद्ध की विभीषिका, पारस्परिक प्रतिस्पर्धा और वैमनस्य, आतंकवाद, स्वार्थ-लिप्त अभिसाएं मुंह बाये खडी हैं। दुसरी और विज्ञान, तंत्रज्ञान, भौतिक उपलब्धिया, मानवीय भावनाएं और संवेदनाएं बडी आशा भरी नजरोंसे निहार रही हैं।
हम आनेवाली पिढी को कैसा भविष्य सौंपने जा रहे हैं। यह एक यक्षप्रश्न है। महाकवि मैथिली शरण गुप्त ने कहा था, ‘हम कौन थे, क्या हो गये, अब और क्या होंगे अभी, आओ विचारें आज मिलकर ये समस्याएं सभी’ चिंतन-मंथन का समय है। समाज की दैवी और आसुरी शक्तियों में संघर्ष चल रहा है। इस मंथन में से अमृत और विष-दोनों निकलेंगे। हमारा समाज देवाधिदेव महादेव का वंशज है- जिन्होंने मानव कल्याण के लिये हलाहल को कंठ में धारण कर लिया और नीलकंठ कह लाये। माहेश्वरी समाज के सिद्धांत और उद्देश्यों का स्त्रोत ही आशुषोत नीलकंठ हैं। हमें त्याग,सेवा,सदाचार के माध्यम से निरंतर लोक-कल्याण की दिशा में आगे बढना है। संसार की भीषण विभीषिकाओं को चीरकर सुखी, संपन्न, संतुष्ट और गौरवशाली मानव जाति की स्थापना तथा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की व्याख्या को सार्थक करने में अपना समुचित योगदान देना है। अब जो भी करना है, हम सबको एकजुट संगठित होकर करना है ।
- डॉ. राजेंद्र नथमल मुंदडा
संस्थापक अध्यक्ष, श्री हरिकिशनजी बजाज मेमोरियल माहेश्वरी,
शिक्षण विकास संस्था, नांदेड