महेश्वरी प्रगति मंडल

माहेश्वरी भवन ,समाज की शान

समाज का भवन बनता है तो,समाज का महत्व बढता है ! आज नांदेड का माहेश्वरी भवन जो समाज की धरोहर है, वो समाज की साख बढा रहा है ! भवन का निर्माण करना,गोवर्धन पर्वत उठाना जैसा है , क्योंकी जगह की खोज से ही उसकी शुरुवात होती है ! लेकीन हमारा लक्ष्य निर्धारित है तो रस्ते अपने आप बन जाते है,उसमे सही रास्ता हमको चूनना है !

नांदेड शहर मे समाज का अपना भवन हो,इस जनभावना का आदर करते हुये, कूछ प्रमुख लोगोंने भवन निर्माण के लिये कदम उठाना शुरू किया ! सर्वप्रथम भवन के लिये जमीन की खोज की गयी! समाज के कई लोगोंने आगे आकर जमीन देने की बात कही ! आखीर नारायणलाल कलंत्री और बालमुकुंद बलदवा इन्होने अपने पूर्वजो के नामपर माहेश्वरी भवन के लिये लगभग २२ हजार फिट जमीन देने का निर्णय लिया ! जमीन का महत्त्वपूर्ण प्रश्न छुटने के बाद जिला सभा के माजी अध्यक्ष स्व हरिकिशनजी बजाज इन्होने भवन निर्माण का कार्य हात मे लिया ! पारंपरिक प्रथा के अनुसार, किसी भी संरचना के निर्माण से पहले देवी-देवताओं के साथ भूमि या धरती माता की पूजा की जाती है । उसके लिये संत महात्मा लोगोंको आमंत्रित किया जाता है ! माहेश्वरी भवन का भूमिपूजन भी महान तपस्वी,संत किशोरजी व्यास इनके हातोंसे किया गया ! और आज उनके ही आशिर्वाद से भवन की प्रगती हो रही है !

लोग जुडते गये,कारवा बनता गया, हर नई शुरुआत ऐसे ही होती है। कोई अकेला इंसान तमाम बाधाओं से जूझते हुए आगे बढ रहा होता है। फिर एक-एक करके लोग उसके साथ चल पडते हैं। यहीं से पूरी तसवीर बदल जाती है। स्व बजाजजी ने यही करके बता दिया,घर घर जाकर धनराशी जमा करके उन्होंने भवन निर्माण का समाज का ये सपना पुरा करने में कोई कसर नही छोडी ! समाज को अपने साथ जोडऩे की कला,कामयाबी के दरवाजे खोल देती है ये बजाजजी ने बता दिया ! महेश मार्ग, कौठा के मुख्य रस्तेपर माहेश्वरी भवन की आलिशान और भव्य इमारत खडी है ! ३३ वातानुकूलित कमरे, दो छोटे हॉल,एक एसी हॉल,सभागृह,लॉन,मंदिर ऐसी सारी सुविधा यहापर उपलब्ध है ! इसलिये समाज के लोग माहेश्वरी भवनको ही जादा महत्व देते हैं, यही विवाह करना पसंद करते है ! यह भवन समाज के सेकडो विवाहोंका साक्षीदार बन चुका है ! कूछ सालोंसे इस भवन के विस्तारीकरण की बात हो रही है,बाजू मे ही नये भवन का निर्माण करके सुसज्ज इमारत और लॉन को बढाया जाने का विचार रखा गया ! भवन के विस्तार के लिये तत्कालीन अध्यक्ष गोवर्धन बियाणी इनके कार्यकाल मे भवन को लगकर जो जमीन है,उसमे ६ हजार फूट जमीन खरीदी गयी ! उसके बाद विद्यमान अध्यक्ष ओमप्रकाश गिल्डा इन्होने भवन के विस्तार योजना को देखते हुये, सर्वसमती से ६ हजार फूट जमीन लेने का निर्णय लिया ! यहापर भी कलंत्री तथा बलदवा परिवार ने अपनी उदारता बतायी !

माहेश्वरी भवन के बाजू मे लगकर ही दुसरा सुसज्ज और प्रशस्त भवन खडा करने के लिये जमीन उपलब्ध होने के बाद नये भवन का संकल्पचित्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हुयी ! आर्किटेक्ट से नकाशे बनाये गये ! माहेश्वरी प्रगती मंडल के उपाध्यक्ष गंगाप्रसाद तोषणीवाल इनको इसकी जबाबदारी दी गयी! भवन निर्माण के काम मे प्रगती मंडल के अध्यक्ष ओमप्रकाश गिल्डा,सचिव बालमुकुंद बलदवा,कोषाध्यक्ष द्वारकादास साबू, नारायणलाल कलंत्री, आनंद जाजू,श्रीनिवास लढ्ढा आदी सक्रियता से ये काम पुरा करने के लिये प्रयत्नशील है !

माहेश्वरी भवन की जब निंव रखी गयी,उस समय समाजबंधू मे खुशी की लहर थी! लेकीन भवन का निर्माण कैसे होगा,समाज से कितना योगदान मिलेगा इस बात की चिंता संस्था के लोगो सता रही थी ! कींतू उनकी चिंता तात्कालिक रही,समाज के लोगो ने आगे बढकर खुले दिलसे और बडे मनसे अपना आर्थिक सहयोग इस भवन के लिये दिया ! किसीने रूम के लिये सहाय्यता की तो किसीने हॉल बनाने के लिये योगदान दिया ! और दो - तीन सालमे समाज का अपना माहेश्वरी भवन खडा हो गया .नांदेड के लिये ये बहोत बडी उपलब्धि है !